मौत ,
तू एक कविता है।
मुझसे एक कविता का वादा है मिलेगी मुझको।
डूबती नब्जो में जब दर्द को नींद आने लगे ,
जर्द सा चेहरा लिए चाँद उफक तक पहुंचे।
दिन अभी पानी में हो
और रात किनारे के करीब ,
न अँधेरा
न उजाला
न आधी रात न दिन ।
जिस्म जब ख़त्म हो और
रूह को जब साँस आए।
मुझसे एक कविता का वादा है ,
मिलेगी मुझको।
मौत
तू एक कविता है।
: आनंद (हृषिकेश मुखर्जी)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें